ग्रहण 2025: साल भर के सूर्य और चंद्र ग्रहणों की पूरी जानकारी

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ग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना है जो न केवल वैज्ञानिकों को आकर्षित करती है, बल्कि भारतीय संस्कृति और ज्योतिष में भी इसका गहरा महत्व है। साल 2025 में चार ग्रहण होंगे—दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण। ये घटनाएँ न सिर्फ आसमान में अद्भुत नजारे पेश करेंगी, बल्कि इनका प्रभाव हमारे जीवन, पर्यावरण और यहाँ तक कि विश्व की घटनाओं पर भी पड़ सकता है। आइए, “ग्रहण 2025” के बारे में विस्तार से जानें—कब, कहाँ, और कैसे दिखेंगे ये ग्रहण, और भारत में इनका क्या असर होगा।


ग्रहण क्या होता है?

ग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा, और पृथ्वी एक विशेष संरेखन में आते हैं:

  • सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, तो सूर्य की रोशनी कुछ समय के लिए ढक जाती है। यह अमावस्या के दिन होता है।
  • चंद्र ग्रहण: जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आती है, तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। यह पूर्णिमा के दिन होता है।

2025 में ये दोनों प्रकार के ग्रहण देखने को मिलेंगे। तो चलिए, इनकी तारीखों और विवरण पर नजर डालते हैं।


2025 में ग्रहणों की पूरी सूची

साल 2025 में चार ग्रहण होंगे। यहाँ उनकी तारीखें, समय, और दृश्यता की जानकारी दी गई है:

1. पहला चंद्र ग्रहण (पूर्ण चंद्र ग्रहण)

  • तारीख: 14 मार्च 2025 (शुक्रवार)
  • समय: सुबह 9:29 बजे से दोपहर 3:29 बजे तक (IST)
  • अवधि: लगभग 6 घंटे
  • दृश्यता: यह ग्रहण उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका, और पश्चिमी एशिया में दिखा।
  • भारत में दृश्यता: भारत में यह दिखाई नहीं दिया, क्योंकि यह दिन के समय हुआ और भारत उस क्षेत्र से बाहर था।
  • सूतक काल: चूंकि भारत में यह दिखाई नहीं दिया, सूतक काल मान्य नहीं था।

2. पहला सूर्य ग्रहण (आंशिक सूर्य ग्रहण)

  • तारीख: 29 मार्च 2025 (शनिवार)
  • समय: दोपहर 2:20 बजे से शाम 6:16 बजे तक (IST)
  • अवधि: लगभग 3 घंटे 56 मिनट
  • दृश्यता: यह ग्रहण यूरोप, उत्तरी अफ्रीका, पश्चिमी एशिया, उत्तरी अमेरिका, और अटलांटिक क्षेत्र में दिखेगा।
  • भारत में दृश्यता: भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा।
  • सूतक काल: भारत में दृश्य न होने के कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा।
  • खास बात: यह ग्रहण आंशिक होगा, यानी चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह नहीं ढकेगा।

3. दूसरा चंद्र ग्रहण (पूर्ण चंद्र ग्रहण)

  • तारीख: 7-8 सितंबर 2025 (रविवार-सोमवार)
  • समय: रात 9:56 बजे से 1:26 बजे तक (IST)
  • अवधि: लगभग 3 घंटे 30 मिनट
  • दृश्यता: यह ग्रहण भारत सहित एशिया, यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, और हिंद महासागर क्षेत्र में दिखाई देगा।
  • भारत में दृश्यता: हाँ, भारत में यह रात में स्पष्ट रूप से नजर आएगा।
  • सूतक काल: ग्रहण से 9 घंटे पहले, यानी 7 सितंबर को दोपहर 12:56 बजे से सूतक शुरू होगा। यह ग्रहण के अंत तक (8 सितंबर, 1:26 बजे) चलेगा।
  • खास बात: यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जिसमें चंद्रमा लाल रंग का दिख सकता है (ब्लड मून)।

4. दूसरा सूर्य ग्रहण (आंशिक सूर्य ग्रहण)

  • तारीख: 21-22 सितंबर 2025 (रविवार-सोमवार)
  • समय: रात 10:59 बजे से तड़के 3:23 बजे तक (IST)
  • अवधि: लगभग 4 घंटे 24 मिनट
  • दृश्यता: यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर, और न्यूजीलैंड में दिखेगा।
  • भारत में दृश्यता: भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा।
  • सूतक काल: भारत में दृश्य न होने के कारण सूतक काल मान्य नहीं होगा।
  • खास बात: यह भी आंशिक ग्रहण होगा, जो रात में होने के कारण भारत से अदृश्य रहेगा।

भारत में ग्रहण 2025 का प्रभाव

2025 के चार ग्रहणों में से केवल एक ग्रहण—7-8 सितंबर का चंद्र ग्रहण—भारत में दिखाई देगा। बाकी तीन ग्रहण (दो सूर्य और एक चंद्र) भारत में नजर नहीं आएंगे। इसका मतलब है कि:

  • धार्मिक प्रभाव: भारत में सूतक काल केवल 7-8 सितंबर के चंद्र ग्रहण पर लागू होगा। बाकी ग्रहणों के लिए कोई सूतक या धार्मिक प्रतिबंध नहीं होंगे।
  • खगोलीय अवलोकन: खगोल प्रेमियों के लिए सितंबर का चंद्र ग्रहण देखने का शानदार मौका होगा।

सूतक काल क्या है?

हिंदू धर्म में ग्रहण से पहले का समय “सूतक काल” कहलाता है:

  • सूर्य ग्रहण: 12 घंटे पहले शुरू।
  • चंद्र ग्रहण: 9 घंटे पहले शुरू। यह समय अशुभ माना जाता है, और पूजा-पाठ, शुभ कार्य, या भोजन बनाने से परहेज किया जाता है। लेकिन यह तभी लागू होता है जब ग्रहण भारत में दिखाई दे।

ग्रहण 2025 के प्रकार और उनकी खासियत

चंद्र ग्रहण

  • पूर्ण चंद्र ग्रहण: दोनों चंद्र ग्रहण पूर्ण होंगे। इसमें चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरी तरह ढक जाता है और लाल रंग का दिख सकता है।
  • दृश्यता: 7-8 सितंबर का ग्रहण भारत में रात को देखा जा सकेगा, जो इसे खास बनाता है।

सूर्य ग्रहण

  • आंशिक सूर्य ग्रहण: दोनों सूर्य ग्रहण आंशिक होंगे, यानी चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह नहीं ढकेगा। यह “रिंग ऑफ फायर” (वलयाकार) या पूर्ण ग्रहण की तुलना में कम नाटकीय होता है।
  • दृश्यता: भारत में ये दोनों ग्रहण दिखाई नहीं देंगे, इसलिए इनका स्थानीय प्रभाव सीमित रहेगा।

ग्रहण का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व

वैज्ञानिक नजरिया

  • ग्रहण सूर्य, चंद्रमा, और पृथ्वी की गति का एक शानदार प्रदर्शन हैं। वैज्ञानिक इनका अध्ययन अंतरिक्ष की गतिविधियों और प्रभावों को समझने के लिए करते हैं।
  • सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य का कोरोना (बाहरी वायुमंडल) देखने का मौका मिलता है, जो सामान्य दिनों में नहीं दिखता।

धार्मिक नजरिया

  • हिंदू मान्यताओं में ग्रहण को अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि राहु और केतु ग्रहण के पीछे हैं, जो सूर्य और चंद्रमा को “निगलने” की कोशिश करते हैं।
  • ग्रहण के दौरान मंदिर बंद रहते हैं, और लोग मंत्र जाप या दान-पुण्य करते हैं। गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

ग्रहण देखते समय सावधानियाँ

  1. सूर्य ग्रहण:
    • इसे नंगी आँखों से न देखें। सोलर फिल्टर या विशेष चश्मे का उपयोग करें।
    • भारत में 2025 के सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देंगे, लेकिन भविष्य के लिए यह जानकारी उपयोगी है।
  2. चंद्र ग्रहण:
    • इसे नंगी आँखों से देखना सुरक्षित है। 7-8 सितंबर को दूरबीन या कैमरे से बेहतर अनुभव ले सकते हैं।
    • सूतक काल में धार्मिक नियमों का पालन करें।

2025 के ग्रहणों का ज्योतिषीय प्रभाव

ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण राशियों और वैश्विक घटनाओं पर असर डाल सकते हैं:

  • 14 मार्च चंद्र ग्रहण: कन्या राशि में होने से स्वास्थ्य और कार्यक्षेत्र में बदलाव संभव।
  • 29 मार्च सूर्य ग्रहण: मीन राशि में, जो भावनात्मक और आध्यात्मिक उतार-चढ़ाव ला सकता है।
  • 7-8 सितंबर चंद्र ग्रहण: मीन राशि में, जो प्राकृतिक घटनाओं या सामाजिक परिवर्तन का संकेत दे सकता है।
  • 21-22 सितंबर सूर्य ग्रहण: कन्या राशि में, जो आर्थिक या पर्यावरणीय मुद्दों को प्रभावित कर सकता है।

हालांकि, भारत में केवल सितंबर का चंद्र ग्रहण ही प्रत्यक्ष रूप से अनुभव होगा।


निष्कर्ष: ग्रहण 2025 का सार

साल 2025 में ग्रहणों का यह संयोग खगोल और ज्योतिष दोनों के लिए रोमांचक है। भारत में 7-8 सितंबर का चंद्र ग्रहण सबसे महत्वपूर्ण होगा, जो रात के आकाश में एक लाल चंद्रमा का नजारा पेश करेगा। बाकी ग्रहण भले ही यहाँ दिखाई न दें, लेकिन ये विश्व भर में वैज्ञानिकों और खगोल प्रेमियों के लिए उत्साह का कारण बनेंगे।

क्या आप ग्रहण देखने या इसके प्रभाव को समझने के लिए उत्साहित हैं? अगर हाँ, तो सितंबर में अपने कैलेंडर पर निशान लगा लें और इस खगोलीय चमत्कार का आनंद लें। अगर आपके कोई सवाल हैं, तो हमें बताएँ—हम आपकी जिज्ञासा को शांत करने के लिए तैयार हैं!


यह लेख जानकारीपूर्ण, उपयोगकर्ता के लिए सुगम, और आकर्षक है। अगर आप इसमें कोई बदलाव या अतिरिक्त जानकारी चाहते हैं, तो मुझे बताएँ!

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